“बहाउल्लाह द्वारा प्रतिपादित मूलभूत सिद्धांत यह है है कि … धार्मिक सत्य परमपूर्ण नहीं बल्कि सापेक्ष है, कि ’दिव्य प्रकटीकरण’ सतत एवं प्रगतिशील रूप से चलने वाली प्रक्रिया है, कि दुनिया के सभी धर्म एक ही दिव्य स्रोत से उत्पन्न हुए हैं, कि उनके मूल सिद्धांत पूर्णतः एक-दूसरे से तालमेल में होते हैं, कि उनकी शिक्षाएं एक ही सत्य के पहलू हैं….”
– बहाई लेखों से