मंदिर-भ्रमण करें!
भ्रमण-अवधि
बहाई उपासना मंदिर मंगलवार से रविवार तक सुबह 8:30 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा। सोमवार को बंद रहेगा।
प्रार्थना सेवा समय
प्रार्थना सेवा के अंतर्गत प्रार्थनाएं तथा विभिन्न पवित्र ग्रंथों से पाठ शामिल हैं। प्रार्थना सेवा के दौरान सम्मानजनक वातावरण बनाए रखने की दृष्टि से, प्रार्थना कक्ष के निकास द्वार को प्रार्थना सेवा समाप्त होने तक बंद रखा जाता है। प्रत्येक प्रार्थना सेवा १०-१५ मिनट की होती है।
समय: सुबह १० बजे, दिन के १२ बजे और ३ बजे, शाम को ५ बजे।
* कृपया ध्यान दें: क्षमता बनाए रखने और आगंतुकों की सुरक्षा के लिए, भीड़भाड़ (रविवार या अन्य सार्वजनिक छुट्टियों के दिन) या भारी बारिश के कारण प्रार्थना हाल बंद रहेगा।
समूह भ्रमण के लिए पूर्व समय-निर्धारण (एप्वायंटमेंट)
आगंतुकों की संख्या यदि १० के समूहों में है तो मंदिर-भ्रमण के लिए वे कृपया पहले यह फॉर्म भरें।
- कृपया अपने आगमन से कम से कम तीन दिन पहले समय का पूर्व-निर्धारण कर लें।
- शनिवार, रविवार और सार्वजनिक अवकाश के दिनों के लिए समय-निर्धारण संभव नहीं होगा।
- आपका निवेदन पाने के बाद, समय की पुष्टि के लिए आपसे संपर्क किया जाएगा।
- किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में, मंदिर प्रबंधन को पहले से तय समय को निरस्त (रद्द) करने का अधिकार होगा।
कैसे पहुंचें?
बहाई उपासना मंदिर दक्षिण दिल्ली में बहापुर (कालकाजी) के पास स्थित है। मुख्य द्वार के सामने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई गई है। आप निम्नांकित माध्यमों से बहाई उपासना मंदिर तक पहुंच सकते हैं:
मेट्रो से
निकटतम मेट्रो स्टेशन ये हैं:
- कालकाजी मंदिर मेट्रो स्टेशन – वॉयलेट और मैजेंटा लाइन्स सेवाएं – मेट्रो स्टेशन से उपासना मंदिर पैदल ५ मिनट की दूरी पर
- ओखला NSIC स्टेशन – मैजेंटा लाइन्स सेवाएं — मेट्रो स्टेशन से उपासना मंदिर पैदल ५ मिनट की दूरी पर
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से
- बहाई उपासना मंदिर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से १५.४ किमी. की दूरी पर अवस्थित है, यानी टैक्सी-कैब या ऑटोरिक्शा से करीब ४० मिनट का समय।
- आप चाहें तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से मेट्रो से भी आ सकते हैं। इसके लिए आपको येलो लाइन पकड़के सेंट्रल सेक्रेटैरियट आना होगा और वहां से फिर वॉयलेट लाइन पकड़ना होगा जिससे आप कालकाजी मेट्रो स्टेशन पर उतर जाएंगे। वहां से ५०० मीटर चलिए और यहां आ जाइए: ’बहाई उपासना मंदिर – कमल मंदिर’, बहापुर, कालकाजी।
एयरपोर्ट से
- इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआई एयरपोर्ट) – दिल्ली से बहाई उपासना मंदिर की दूरी १६.६ किमी. है, यानी कार/टैक्सी से करीब ४५ मिनट का समय। एयरपोर्ट से आप प्रीपेड कैब सर्विस की सेवा ले सकते हैं या निजी वाहन से इस स्थान तक पहुंच सकते हैं:’बहाई उपासना मंदिर – कमल मंदिर’, बहापुर, कालकाजी।
- आप चाहें तो आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल १ से दिल्ली के लिए मेट्रो भी पकड़ सकते हैं। इसके लिए आपको बॉटेनिकल गार्डेन की ओर मैजेंटा लाइन पकड़ना होगा और आप NSIC ओखला मेट्रो स्टेशन पर उतर जाएंगे। वहां से ६५० मीटर चलिए और यहां आ जाइए: ’बहाई उपासना मंदिर – कमल मंदिर’, बहापुर, कालकाजी।
सामान्य सूचनाएं
लोगों के बीच एक-दूसरे से दूरी बनाए रखें।
मास्क हमेशा पहने रहें।
प्रवेश द्वार पर आपकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
रेलिंग्स को बिल्कुल न छुएं।
संयमित ड्रेस कोड का सुझाव दिया गया है। कृपया ऐसे कपड़े पहनें जो आपके कंधों को ढँकें और आपके घुटनों तक पहुँचें।
प्रार्थना कक्ष में जूते-चप्पल पहनने की अनुमति नहीं है। आप अपने जूते-चप्पल ’जूताघर’ में जमा कर सकते हैं।
मुख्य द्वार पर ’पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर ह्वीलचेयर सुविधा उपलब्ध है।
धूम्रपान निषेध है।
शौचालय और पीने के पानी की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
मंदिर प्रांगण में खाने-पीने की अनुमति नहीं है।
मंदिर प्रांगण में भारी सामान या बैग इत्यादि ले जाने की अनुमति नहीं है।
प्रार्थना कक्ष और सूचना केंद्र को छोड़कर अन्य जगहों पर फोटोग्राफी की अनुमति है। प्रोफेशनल फोटोग्राफरों को पहले से अनुमति लेनी होगी।
गुमशुदा केंद्र/खोया-पाया विभाग मुख्य भवन के नीचे स्थित मुख्य कार्यालय में स्थित है।
दिसंबर १९८६ में बहाई उपासना मंदिर को जनता के लिए खोल दिया गया। तब से प्रतिदिन हजारों लोग ’कमल मंदिर’ आते हैं। एक ओर जहां आगंतुक उस प्रशांत वातावरण को पसंद करते हैं जो ध्यान के लिए अनुकूल है वहीं दूसरी ओर बहुत से लोग उस ’स्रोत’ की तलाश करते हैं जिसने ऐसे उपासना-स्थल की प्रेरणा दी। परिणामस्वरूप, ऐसे लोगों के लिए एक ’सूचना केंद्र’ का निर्माण किया गया जो बहाई उपासना मंदिर और बहाई धर्म के बारे में ज्यादा कुछ जानना चाहते हैं।
सूचना केंद्र अत्याधुनिक विनिर्देशनों के अनुसार निर्मित किया गया है और वहां फोटो पैनल्स, लिखित पाठों और फिल्मों इत्यादि के माध्यम से बहाई धर्म के विविध पहलुओं पर जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। इस केंद्र में एक आगंतुक दीर्घा (विज़िटर्स गैलरी) भी है जो बहाई धर्म के इतिहास, उसके विचार-दर्शन तथा दुनिया भर के बहाइयों द्वारा संचालित सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यक्रमों पर केंद्रित है।
इस केंद्र में ४०० से भी अधिक लोगों के बैठने की क्षमता के साथ एक विशाल ऑडिटोरियम तथा दो ७०-सीटर ऑडिटोरियम भी हैं। ऑडिटोरियम में बहाई उपासना मंदिर और बहाई धर्म के बारे में फिल्में दिखाई जाती हैं। साथ ही उसका उपयोग सद्भावपूर्ण एवं सकारात्मक सामाजिक संदेश वाले कार्यक्रमों/संगीत आयोजनों के लिए भी किया जाता है। ऐसे कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य कला के माध्यम से एकता को प्रोत्साहित करना है।
इसके अतिरिक्त, विगत कई वर्षों से, सामाजिक परिसंवादों में अपनी भागीदारी निभाकर बहाई समुदाय सभ्यता के विकास में भी अपना योगदान देने के लिए प्रयासरत रहा है। ’सूचना केंद्र’ स्त्री-पुरुष की समानता, समाज में धर्म को जो रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए, तथा समाज को बेहतर बनाने की दिशा में मीडिया द्वारा निभाए जा सकने वाले दायित्व, इत्यादि अनेक विषयों पर परिसंवाद जारी रखने के लिए एक स्थान के रूप में अपनी सेवा दे रहा है।
सूचना केंद्र मंगलवार से रविवार तक खुला रहता है। सुबह: ९ :00 बजे से शाम ६:00 बजे तक |