बहाई उपासना मंदिर मंगलवार से रविवार तक सुबह 8:30 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा। सोमवार को बंद रहेगा।
प्रार्थना सेवा के अंतर्गत प्रार्थनाएं तथा विभिन्न पवित्र ग्रंथों से पाठ शामिल हैं। प्रार्थना सेवा के दौरान सम्मानजनक वातावरण बनाए रखने की दृष्टि से, प्रार्थना कक्ष के निकास द्वार को प्रार्थना सेवा समाप्त होने तक बंद रखा जाता है। प्रत्येक प्रार्थना सेवा १०-१५ मिनट की होती है।
समय: सुबह १० बजे, दिन के २ बजे और ३ बजे, शाम को ५ बजे।
* अगली सूचना तक प्रार्थना हाल बन्द रहेगा।
आगंतुकों की संख्या यदि १० के समूहों में है तो मंदिर-भ्रमण के लिए वे कृपया पहले यह फॉर्म भरें।
बहाई उपासना मंदिर दक्षिण दिल्ली में बहापुर (कालकाजी) के पास स्थित है। मुख्य द्वार के सामने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई गई है। आप निम्नांकित माध्यमों से बहाई उपासना मंदिर तक पहुंच सकते हैं:
निकटतम मेट्रो स्टेशन ये हैं:
लोगों के बीच एक-दूसरे से दूरी बनाए रखें।
मास्क हमेशा पहने रहें।
प्रवेश द्वार पर आपकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
रेलिंग्स को बिल्कुल न छुएं।
प्रार्थना कक्ष में जूते-चप्पल पहनने की अनुमति नहीं है। आप अपने जूते-चप्पल ’जूताघर’ में जमा कर सकते हैं।
मुख्य द्वार पर ’पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर ह्वीलचेयर सुविधा उपलब्ध है।
धूम्रपान निषेध है।
अगली सूचना तक शौचालय और पेयजल सुविधाएं बंद रहेंगी।
मंदिर प्रांगण में खाने-पीने की अनुमति नहीं है।
मंदिर प्रांगण में भारी सामान या बैग इत्यादि ले जाने की अनुमति नहीं है।
प्रार्थना कक्ष और सूचना केंद्र को छोड़कर अन्य जगहों पर फोटोग्राफी की अनुमति है। प्रोफेशनल फोटोग्राफरों को पहले से अनुमति लेनी होगी।
गुमशुदा केंद्र/खोया-पाया विभाग मुख्य भवन के नीचे स्थित मुख्य कार्यालय में स्थित है।
दिसंबर १९८६ में बहाई उपासना मंदिर को जनता के लिए खोल दिया गया। तब से प्रतिदिन हजारों लोग ’कमल मंदिर’ आते हैं। एक ओर जहां आगंतुक उस प्रशांत वातावरण को पसंद करते हैं जो ध्यान के लिए अनुकूल है वहीं दूसरी ओर बहुत से लोग उस ’स्रोत’ की तलाश करते हैं जिसने ऐसे उपासना-स्थल की प्रेरणा दी। परिणामस्वरूप, ऐसे लोगों के लिए एक ’सूचना केंद्र’ का निर्माण किया गया जो बहाई उपासना मंदिर और बहाई धर्म के बारे में ज्यादा कुछ जानना चाहते हैं।
सूचना केंद्र अत्याधुनिक विनिर्देशनों के अनुसार निर्मित किया गया है और वहां फोटो पैनल्स, लिखित पाठों और फिल्मों इत्यादि के माध्यम से बहाई धर्म के विविध पहलुओं पर जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। इस केंद्र में एक आगंतुक दीर्घा (विज़िटर्स गैलरी) भी है जो बहाई धर्म के इतिहास, उसके विचार-दर्शन तथा दुनिया भर के बहाइयों द्वारा संचालित सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यक्रमों पर केंद्रित है।
इस केंद्र में ४०० से भी अधिक लोगों के बैठने की क्षमता के साथ एक विशाल ऑडिटोरियम तथा दो ७०-सीटर ऑडिटोरियम भी हैं। ऑडिटोरियम में बहाई उपासना मंदिर और बहाई धर्म के बारे में फिल्में दिखाई जाती हैं। साथ ही उसका उपयोग सद्भावपूर्ण एवं सकारात्मक सामाजिक संदेश वाले कार्यक्रमों/संगीत आयोजनों के लिए भी किया जाता है। ऐसे कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य कला के माध्यम से एकता को प्रोत्साहित करना है।
इसके अतिरिक्त, विगत कई वर्षों से, सामाजिक परिसंवादों में अपनी भागीदारी निभाकर बहाई समुदाय सभ्यता के विकास में भी अपना योगदान देने के लिए प्रयासरत रहा है। ’सूचना केंद्र’ स्त्री-पुरुष की समानता, समाज में धर्म को जो रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए, तथा समाज को बेहतर बनाने की दिशा में मीडिया द्वारा निभाए जा सकने वाले दायित्व, इत्यादि अनेक विषयों पर परिसंवाद जारी रखने के लिए एक स्थान के रूप में अपनी सेवा दे रहा है।
सूचना केंद्र सोमवार से शनिवार तक खुला रहता है। सुबह: ९ :00 बजे से १२:00 बजे तक
शाम: २:00 बजे से ५:00 बजे तक