मंदिर और समुदाय

“तुम किसी को भी अजनबी के रूप में मत देखो, क्योंकि जब तुम दूसरेपन पर अपनी दृष्टि केंद्रित करते हो तो प्रेम और एकता की प्राप्ति कठिन हो जाती है…क्योंकि रचित जीवों में से प्रत्येक ईश्वर का एक चिह्न है, और उनमें से प्रत्येक प्रभु की करुणा और उसकी शक्ति की बदौलत ही इस संसार में आया। इसलिए वे अजनबी नहीं बल्कि परिवार के अंग हैं; वे अन्जाने नहीं बल्कि बंधु हैं, और उनके साथ इसी रूप में व्यवहार किया जाना चाहिए।”

– अब्दुल-बहा

लगभग चार दशकों से, बहाई उपासना मंदिर सभी पृष्ठभूमियों के लाखों लोगों का स्वागत करता आया है—चाहे वे किसी भी मान्यता में विश्वास रखते हों और उनकी राष्ट्रीयता, जाति, लिंग और प्रजाति कुछ भी हो—ताकि वे सब “एक साथ समस्त मानवजाति के रचयिता के प्रति अपनी मौन प्रार्थनाएं अर्पित कर सकें।“

उपासना और एकता की अभिव्यक्ति का एक स्थल होने के अलावा, बहाई उपासना मंदिर अपने आस-पास और दूर स्थित समुदायों की आध्यात्मिक, सामाजिक और भौतिक प्रगति का एक “केंद्रबिंदु” भी है।

इसके भवनों में बच्चों और किशोरों की आध्यात्मिक एवं नैतिक शिक्षा के कार्यक्रमों और ऐसी अध्ययन कक्षाओं का संचालन भी किया जाता है जहां युवा और वयस्क लोग इस बात की तलाश करते हैं कि वे इन आध्यात्मिक शिक्षाओं को अपने जीवन में कैसे उतार सकते हैं। मंदिर एक ऐसी शैक्षणिक प्रक्रिया को पोषित करने वाला केंद्र बन गया है जिसके अंतर्गत लोगों को अपने विकास का दायित्व स्वयं उठाने में सक्षम बनाने के लिए उनकी क्षमता का निर्माण किया जाता है। इन कार्यक्रमों में अध्ययन सम्पन्न करने वाले मित्र अब अपने-अपने समुदायों की आध्यात्मिक और भौतिक प्रगति के अग्रनायक हैं, वे अपने से कम उम्र के बच्चों, किशोरों और युवाओं को शिक्षित और पोषित कर रहे हैं, अपने समुदाय के सामाजिक एवं सांस्कृतिक मुद्दों पर स्थानीय अधिकारियों एवं संस्थाओं के साथ सार्थक वार्तालाप और संवाद स्थापित करने में जुटे हैं और परिवर्तन के लिए सामाजिक क्रिया का दायित्व उठा रहे हैं।

इसके अतिरिक्त, विगत कई वर्षों से, सामाजिक परिसंवादों में अपनी भागीदारी निभाकर बहाई समुदाय सभ्यता के विकास में भी अपना योगदान देने के लिए प्रयासरत रहा है। बहाई मंदिर के प्रांगण में स्थित ’सूचना केंद्र’ स्त्री-पुरुष की समानता, समाज में धर्म को जो रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए, तथा समाज को बेहतर बनाने की दिशा में मीडिया द्वारा निभाए जा सकने वाले दायित्व, इत्यादि अनेक विषयों पर परिसंवाद जारी रखने के लिए एक स्थान के रूप में अपनी सेवा दे रहा है।